अर्थात कहानी ही ओ फिल्म है जिसे हम पढ़कर समझ सकते है जैसे एक उदाहरण ले लेते है - छत्तीसगढ़ का नाम छत्तीसगढ़ कैसे पड़ा ।
कहा जाता कि छत्तीसगढ़ राज्य दो प्रधान भागों में विभाजित था पहला शिवनाथ के उत्तर में 'रतन पुर राज , और दुसरा दक्षिण में 'रायपुर राज, प्रत्येक राज के अठारह अठारह गढ़ थे अर्थात दोनों राज के गढ़ को जोड़े तो | 18+18 = 36 गढ़ बनता है ( गढ़ मतलब राजा का स्थान होता है )
अब आते हैं बिजली गाँव की कहानी पर -
bijli fingeshwar
छत्तीसगढ़ , जिला गरियाबंद के वि. खं. फिंगेश्वर का एक गाँव बिजली जो सुनने मे अटपटा और आश्चर्य है । यदि बाहरी लोगों को इस गाँव का नाम बताते हैं तो सुनने वाला व्यक्ति आश्चर्य हो जाता है और कहता है क्या ! बिजली ऐ कोन सी नाम हुई । तो यह गाँव , बिजली नाम से ही आश्चर्य , रोचक , और रहस्यमयी कहानी बताता है पढ़ें पुरी कहानी -
इस गाँव में पहले तीस से चालीस घर थे बाकी पुरा घनघोर जंगल इस गांव का इतिहास कहता है कि पानी के लिए न तो यहाँ बोर थे और न ही तालाब, कुंआ , लोग नदियों से पानी लाकर अपना प्यास बुझाते थे । क्योंकि नदियाँ गाँव के ही तट पर है । इतनी दैन्य स्थिती था ।
जंगल के पैडगरी रोड से लोग राजा के घर काम करने जाते थे क्योंकि उस समय खेत जमीन सब राजा का था,
इस गाँव का ऐतिहासिक नाम '" बिजली का गोला '' है
घने जंगलों से प्रफुल्ल इस गाँव मे आस पास गाँव के लोग लकड़ी और महुआ के लिए आते थे प्रायः इस जंगल में महुआ और तेंदु का पेड़ अधिक था ,
कहा जाता है की जंगल क्षेत्र में बरसात का पानी बिजली के तड़ाको के साथ अधिक गिरता है, उसी बरसात के काली अंधेरी रात को जोरदार गरजना के साथ महुआ के पेड़ पर बिजली का गोला गिरा था । जिसे गाज कहते हैं,
तब उस बिजली के गोले से महुआ का पेड़ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया जब गाँव के लोग सुबह शौच के लिए जंगल गए तो देखा की वह महुआ का पेड़ खतारनाक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, तब ग्यात हुआ कि यहाँ कल रात्रि बिजली का गोला गिरा होगा ।
और यह बात आस पास के गाँव में फैल गई , इस प्रकार की घटना इस क्षेत्र में पहली बार हुआ था तो जब भी आस पास के गाँव के लोग जंगल आते थे तो बिजली का गोला वाले जंगल कहते थे ।
इस तरह से कई दिनों तक बिजली का गोला नाम चलता रहा जैसे जैसे गाँव की जनसंख्या बड़ताी गयी वैसे वैसे जंगल कटता गया और साथ ही साथ " का गोला " नाम शब्द लोगों के दिमाग से कटता गया और लोग शार्ट में बिजली शब्द को बोलने लगे तब से आज तक बिजली नाम चल रहा है |
यह गाँव बहुत ही शांत और भक्ति भाव से परिपूर्ण है । इस गाँव में गाँव की कुल देवी शीतला, मौली , विराजित है ।
@ गाँव के कुल देवी शीतला माता की मंदिर -
village - Bijali. Block - fingeshwar. tahshil - rajim. Dist - gariyaband. State - Chhattishgadh
घने जंगलों से प्रफुल्ल इस गाँव मे आस पास गाँव के लोग लकड़ी और महुआ के लिए आते थे प्रायः इस जंगल में महुआ और तेंदु का पेड़ अधिक था ,
कहा जाता है की जंगल क्षेत्र में बरसात का पानी बिजली के तड़ाको के साथ अधिक गिरता है, उसी बरसात के काली अंधेरी रात को जोरदार गरजना के साथ महुआ के पेड़ पर बिजली का गोला गिरा था । जिसे गाज कहते हैं,
तब उस बिजली के गोले से महुआ का पेड़ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया जब गाँव के लोग सुबह शौच के लिए जंगल गए तो देखा की वह महुआ का पेड़ खतारनाक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, तब ग्यात हुआ कि यहाँ कल रात्रि बिजली का गोला गिरा होगा ।
और यह बात आस पास के गाँव में फैल गई , इस प्रकार की घटना इस क्षेत्र में पहली बार हुआ था तो जब भी आस पास के गाँव के लोग जंगल आते थे तो बिजली का गोला वाले जंगल कहते थे ।
इस तरह से कई दिनों तक बिजली का गोला नाम चलता रहा जैसे जैसे गाँव की जनसंख्या बड़ताी गयी वैसे वैसे जंगल कटता गया और साथ ही साथ " का गोला " नाम शब्द लोगों के दिमाग से कटता गया और लोग शार्ट में बिजली शब्द को बोलने लगे तब से आज तक बिजली नाम चल रहा है |
यह गाँव बहुत ही शांत और भक्ति भाव से परिपूर्ण है । इस गाँव में गाँव की कुल देवी शीतला, मौली , विराजित है ।
@ गाँव के कुल देवी शीतला माता की मंदिर -
village - Bijali. Block - fingeshwar. tahshil - rajim. Dist - gariyaband. State - Chhattishgadh
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